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Monday, September 26

बिटिया !


बिटिया सबसे अलग होती है,
मातृत्व का ही एक रूप होती है,
जिसने भी इन्हें अपनाया है,
जीवन में कितनी खुशियां पाया है !

बिटिया जब जब मुस्काती है,
बगिया में सौ फूल खिलते है,
पर जब भी वो रोती है,
संग उसके सारे मौसम रोते है !

बिटिया के हक में वैसे,
खुशिया कम ही आती है ,
भाई के लिए फिर भी वह,
अपनी जान लुटाती है !

बिटिया जब बड़ी हो जाती है, 
कितनी समझदार कहलाती है ,
घर को सजाने के लिए,
अपनी ही मुस्कान चुराती है !

कही किसी कोने में आज भी,
एक बिटिया ने जन्म लिया होगा,
आँख खुलने से पहले ही,
एक इंसान ने मार दिया होगा !

एक उम्मीद है एक दिन ,
में भी "बिटिया" धन कमाऊंगा ,
लाड प्यार से उसको अपनी,
पलकों पे बिठाऊंगा !

बिटिया की एक मुस्कान के लिए,
सारा जीवन लुटाऊंगा,
उसकी एक ख्वाइश के लिए,
सारी दुनिया से लड़ जाऊंगा !

एक ऐसे ही प्यारी बिटिया को,
मैंने भी कही से  जाना है,
मेरी छोटी छोटी खुशियों को,
एक बड़ा सा खज़ाना है !

यही सोच में रहता हु,
जाने कहा से वह आयी है,
नाम ना पूछो उस "बिटिया " का,
बाबा जिसके साईं है !

यू तो बिटिया अपने जीवन में,
सबको ही अपनाती है,
इतना सब है फिर भी क्यों,
पराया धन वह कहलाती है !

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